कालसर्प पूजा
कालसर्प दोष क्या है ?
कालसर्प दोष (Kalsarpa Dosha) ज्योतिष शास्त्र में एक प्रमुख धार्मिक और ज्योतिषिय गुण विचार है। यह हिंदू ज्योतिष में प्राचीन ग्रंथों पर आधारित है और कालसर्प दोष के अनुसार व्यक्ति के भविष्य और जीवन पर बुरे प्रभाव का सामना करना पड़ता है।
कालसर्प दोष एक ज्योतिष योग है जो किसी भी व्यक्ति के जन्मकुंडली में बना होता है। इसका कारण जन्मकुंडली में राहु और केतु नामक ग्रहों के सभी नौ ग्रहों से कुंडली के एक ओर स्थानांतरित होने को देखा जाता है। इस योग के अनुसार, जिन व्यक्तियों के जन्मकुंडली में इस दोष का बना होता है, उन्हें कालसर्प दोषी कहा जाता है।
इस दोष के प्रभाव को लोगों ने विभिन्न प्रकार से महसूस किया है, जैसे कि नकारात्मक सोच, दुर्भावना, भय, आध्यात्मिक विकृति, परिवार में समस्याएं आदि। इसे निष्कारण करने के लिए कुछ लोग ज्योतिष उपायों का अनुसरण करते हैं, जो कि धार्मिक कार्य, मन्त्र-जाप, दान, व्रत आदि समेत होते हैं। यह उपाय व्यक्ति को इस दोष के प्रभाव से बचने में मदद कर सकते हैं, हालांकि इसके विषय में विचार करने से पहले ध्यान देना महत्वपूर्ण है कि ज्योतिष विज्ञान का विज्ञानिक समर्थन नहीं है, और इसे केवल धार्मिक और कुल्चरल दृष्टिकोन से देखा जाना चाहिए।
कालसर्प दोष केसे होता है
- संतान सम्बन्धी समस्या
- स्वास्थ्य समस्याएं
- प्राकृतिक आपदा या दुर्भाग्य
- नौकरी और करियर से संबंधित चुनौतियां
- विवाहित जीवन में समस्याएं
- धन संबंधी परेशानियां
कालसर्प दोष का निवारण क्या है-
नागपंचमी का व्रत: नागपंचमी के दिन व्रत करने से कालसर्प दोष के प्रभाव को कम किया जा सकता है।
राहू केतु कल्याण पूजा: राहू और केतु के कल्याण पूजन करने से दोष के प्रभाव को कम किया जा सकता है।
मंत्र जाप: “ॐ नागाधिपाय विद्महे व्याघ्रराजाय धीमहि तन्नो नाग: प्रचोदयात्।” इस मंत्र का जाप करने से दोष के प्रभाव को दूर किया जा सकता है।
रत्न धारण करना: कुछ विशेष रत्नों को धारण करने से भी कालसर्प दोष के प्रभाव को कम किया जा सकता है। इसे ज्योतिष विशेषज्ञ से परामर्श लेना उचित होता है।
सार्प शांति पूजा: कालसर्प दोष के निवारण के लिए सार्प शांति पूजा करने से दोष के प्रभाव को दूर किया जा सकता है।